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एक मुलाक़ात....❣️( भाग - 28 )

आज अनिशा कि हल्दी थी आज उसे विद्युत के नाम कि हल्दी लगने वाली थी वो खुश तो बिलकुल नहीं थी सारे दोस्त उसी के पास बैठे थे मिताली मिशा अनाया विवान अरिश सब अनिशा के रूम में थे आरव रूम मे आया अनिशा ने उसे देखा उसकी आँखों में बेबसी थी आरव ने उसे देखा और सबसे थोड़ी देर अकेले बात करना का बोल उनके बालकनी में भेज दिया और दरवाजा बंद करके खुद अनिशा के पास आ गया अनिशा उसे एक तक देख रही थी ।।


आरव ने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और बोला " मैं हूँ ना तुम डर क्यूँ रही हो ये शादी नहीं होगी ये वादा है मेरा तुमसे समझी तुम "
अनिशा नम आँखों से बोली "पर आज मुझे उसके नाम कि हल्दी लगने वाली है जो मुझे बिलकुल नहीं लगवानी मुझे सिर्फ तुम्हारे नाम कि हल्दी मेहंदी लगानी है " 

आरव उसके चेहरे को अपने दोनों हाथो में ले कर उसकी आँखों में देख कर बोला "हम्म तुम्हें मेरे हि नाम कि हल्दी और मेहंदी लगेगी विश्वास है ना " अनिशा "हा" मे अपनी गर्दन हिला देती है आरव उसके माथे पर किस करता है और वहां से चला जाता है ।।

सारे दोस्त लोग वहां आ गए राधिका जी ने हल्दी कि रसम के लिए कपड़े भेजे काव्या सांची मिशा ने मिल कर उसे रेडी किया वो बहुत सूंदर लग रही थी yellow कलर के गुजराती डिजाइन का लेहंगा पहना था साथ में लाल गुलाब और लिली से बनी ज्वेलेरी पहनी थी वो रेडी हुई सब उसे ले आ गार्डन में बैठा दिए ।।

सब लोग आ गए थे हल्दी शुरू हुई सगुन कि हल्दी को लाया गया अनिशा ने एक नज़र उस हल्दी पर डाली और फिर पूल के पास खड़े आरव को देखा जो उसे देख रहा था उसे देख आरव ने अपनी पलके झप्का दी अनिशा ने अपना सर नीचे झुका लिया सबने एक एक कर के उसे हल्दी लगाई जब बडो ने लगा दी तो दोस्तों कि बारी आई मिशा अनाया नील मिताली विवान अरिश अवनि भी आई थी उसने भी उसे हल्दी लगाई और बधाई दी लास्ट में आरव आया और अपने हाथ में हल्की हि हल्दी ले कर उसके गाल पर लगा दीया और हल्का झुक के उसने धीरे से कहा "मुस्कुराओ तो आखिर तुम्हें हमारे नाम कि हल्दी लग गई " उसकी बात सुन अनिशा ने सवालिया नज़रों से उसे देखा आरव ने हल्के से मुस्कुरा के उसे आंख मर वहां से बाकी सबके पास चला गया ।।

शांति देख अनिशा कि दादी ने कहा "अरे छोरियो थम सब लोग के होते हुए माहरी लड़ो कि हल्दी इतनी सूनी मने कोनी अच्छा लगा चलो कुछ नाच गाना करो चलो शुरू करो " उनकी बात सुन मिशा मिताली ने म्यूजिक ऑन कराया और हल्दी जो बोरिंग चल रही थी उसमे तड़का लगा दिया अनिशा बस उन्हें देख सोच रही थी और मन मे बोली "ये सब इतने नोर्मल कैसे हो सकते जब कि पता है इन सबको कि मेरी क्या हालत है "  और ये सब मस्ती कर रहे है 

स्टेज पर मिताली मिशा काव्या अवनि खड़े थे म्यूजिक - 

छलका-छलका रे ओ कलसी का पानी
छलका-छलका रे ओ आँख ना मानी

(मिशा राधिका जी के पास जा के )  

मैया बोले जाना नहीं,,,,भैया को भी माना नहीं,,,,,बाबुल बोले बस एक दिन कल का छलका

(चारों अनिशा के पास आ के ) 
गुड्डा बोले जाना नहीं 
गुड्डी बोले जाना नहीं
सखी बोले बस एक दिन कल का छलका,,,,,भोले-भोले पैरों से चली चली रे 

चारों ने dance खत्म किया आयुष ने नील को स्टेज पर धकेल दिया साथ में उसने विवान को भी खींच लिया दोनों स्टेज पर आ गए हल्का फुल्का उन दोनों ने भी dance किया और वापस आ गए ।। हल्दी के बाद सब अंदर आ गए अनिशा को रूम में ले गए वो रूम मे घुसी और जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया और पलट के सबको घूरने लगी सब एक दूसरे कि शकल देखने लगे अनिशा बोली "तुम सब बड़ा एन्जॉय कर रहे थे बहुत मज़ा आ रहा था तुम सब को मुझसे पूछो कैसा लग रहा है मुझे उसके नाम कि हल्दी लगी है यही सोच के एक बोझ लग रहा है मुझे मुझे बस ये सब साफ करना करना है ये बोल वो बाथरूम में जाने लगी अनाया बोली "अनु ये सगुन कि हल्दी है तू इसे नहीं उत्तार सकती अभी अपसगुन होगा ।।

उसकी बात सुन अनिशा गुस्से में बोली " ये क्या बकवास है जब मैं नहीं मानती तो मुझे सगुन अप्सगुन् से कोई फर्क नहीं पड़ता" ये बोल वो जाने लगी तभी मिताली कि आवाज़ से उसके कदम रुक गए ।।

मिताली बोली -  "और अगर ये हल्दी आरव के नाम कि हुई तो भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा तुम्हें " ये सुन अनिशा एक दम शांत हो गई और उसे आरव कि बात याद आई ***मुस्कुराओ तो आखिर तुम्हें हमारे नाम कि हल्दी लग गई*** वो पलटी और उन सब कि तरफ सवलिया नज़रों से देखने लगी ।।

मिशा - हा अनु तुझे विद्युत के नाम कि नहीं बल्की तेरे आरव के नाम कि हल्दी लगी है ।।
अनिशा - पर कैसे ।।
मिताली - हम्म् तो ये जानना है कैसे तो रुको थोड़ा हमारी सुपर वोमन को आने दो ।।
अनिशा खीज के - यार तुम सब ये पहेली मत बुझाओ और बताओ ना कैसे मुझे आरव के नाम कि हल्दी लगी सगुन कि हल्दी बदली कैसे और किसने ।।

"हमने बदली सगुन कि हल्दी " दरवाजे के पास से आवाज़ आई अनिशा और बाकी सब ने उस तरफ देखा तो सांची और काव्या मुस्कुराते हुए खड़े थे अनिशा उन्हें देख शोक हो गई और बोली "भाभी काव्या आप दोनों ,,, मतलब आप दोनों को कैसे,,,, मेरा मतलब.....उसकी बात बीच में कटते हुए काव्या बोली "दीदू रिलेक्स हमें सब पता है " 
अनिशा सहज भाव से - "कैसे" 
सांची - बस पता चल गया ये जरुरी नहीं कैसे ,,,, बाकी हमें तो बड़ी ख़ुशी हुई इस लिए तो हम भी शामिल हो गए इन सब मे मिशन "आरव कि अनिशा को आरव कि दुल्हन बनाओ में " उसकी बात सुन सब हँस दिए ।।

अनिशा उसके गले लग गई - पर आपने ये कैसे किया ।

सांची - अम्मा यार सिंपल था बहुत ये काम..... तो सुनो जब मम्मी जी तुम्हें रेडी होने के लिए कपड़े देने आई थी तो लड़के वालोंं के घर से सगुन कि हल्दी आई तो कोई नहीं था वो हल्दी मैंने ले ली तभी नील मेरे पास आया उन्होंने डरते हुए मुझे सब बताया पर मुझे तो ये बात पता थी मतलब पूरी तरह नहीं बट डाउट था जो क्लियर हुआ आज मुझे जान के ख़ुशी हुई क्यूँ मुझे आरव बहुत पसंद है पर विद्युत नहीं जो मुझे शुरू से नहीं था तो बस सगुन कि हल्दी को मैं अपने रूम में ले गई और फ्लश कर दिया  😎 और उसरी हल्दी रेडी कि और आरव के हाथो से छुआ के उसे मंदिर में रख दिया सिंपल ।।

उसकी बात सुन अनिशा ने उसे फिर से गले लगा लिया और बोली थैंक यू भाभी थैंक यू सो सो सो मच यू आर दी बेस्ट भाभी इन दि वर्ल्ड लव यू सो मच 😘😘 सांची उसके गाल छू के बोली "आपकी ख़ुशी और इस प्यारी सी मुस्कुराहट के लिए हम कुछ भी कर सकते है बच्चा आप खुश रहे मुझे यही चाहिए एंड या आई लव यू टू 😘 और वो वहां से चली गई ।।

अनिशा के चेहरे पर अब सुकून था वो पलटी वो खुश होके मिताली मिशा अनाया को गले लगा लिया ।। उसके बाद राधिका जी ने उसे दूध से स्नान कराया और सब लोग गोरी पूजा के लिए मंदिर चलें गए ।। शाम को मेहंदी थी गोरी पूजा के बाद अनिशा कि मेहंदी के लिए रेडी किया गया और हॉल में लाया गया अभी उसके चेहरे पर सुकून था क्यूँ कि अब उसके साथ उसकी माँ सामान भाभी उसके साथ थी उसे बैठाया गया और मेहंदी वाली उसे मेहंदी लगाने लगी ।। बाकी सब नाच गाना कर रहे थे 

मिताली मिशा काव्या और सांची सामने आई और म्यूजिक ऑन हुआ -

मिताली सर पर गम्छा बंद के लड़के का लुक ले कर मिशा के सामने   - ये कुड़ियाँ नशे दियाँ पुड़ियाँ 
मिशा - ये मुंडे गली के गुंडे ये 
काव्या लड़के का लुक ले के साची के सामने  - कुड़ियाँ नशे दियाँ पुड़ियाँ ये 
साची - मुंडे गली के गुंडे 
मिताली काव्या - नशे दियाँ पुड़ियाँ 
मिशा साची - गली के गुंडे

(तभी उनके पीछे से आवाज़ आई आरव अनिशा ओर देख के अंदाज़ से)  -  हो, हो महंदी लगाके रखना, डोली सजाके रखना ,महंदी लगाके रखना, डोली सजाके रखना लेने तुझे ओ गोरी, आएंगे तेरे सजना ,महंदी लगाके रखना, डोली सजाके रखना, ओ हो, ओ हो 

(अनिशा उसे देख आगे बड़ी और उसकी तरफ जाते हुए) - ओ, औ सहरा सजाके रखना, चहरा छुपाके रखना,सहरा सजाके,रखना,चहरा छुपाके रखना,ये दिल की बात अपने, दिल में दबाके रखना 

आराव अनिशा के इर्द गिर्द घूमते हुए - रस्ता हमारा तकना, दरवाज़ा खुला रखना,रस्ता हमारा तकना, दरवाज़ा खुला रखना,लेने तुझे ओ गोरी, आएंगे तेरे सजना

अनिशा उसकी तरफ देख के नाचते हुए - कुछ और अब न कहना, कुछ और अब न करना,कुछ और अब न कहना, कुछ और अब करना,ये दिल की बात अपने, दिल में दबाके रखना 

" दूल्हे का नाम क्या लिखूँ " मेहंदी वाली ने अनिशा कि मेहंदी को देख कर बोला अनिशा उसकी आवाज़ सुन होश में आई तो देखा कि आरव तो था हि नहीं सामने चारों लड़कीया (मिशा मिताली काव्या सांची) हि थी अनिशा खोई हुई सी बोली "आरव" तो मेहंदी वाली ने दूल्हे के नाम समझ "आरव" लिख दिया अनिशा बेखबर सी इधर उधर देख रही थी कि आरव दिखें पर आरव सच में वहां कहीं नहीं  था वो उसका ख्वाब था ।। मेहंदी का प्रोग्राम खत्म हुआ साची काव्या मिशा मिताली अनाया अवनि सबने मेहंदी लगवाई उसके बाद कुछ समय बाद जब शाम होने लगी सब अपने अपने रूम में चलें गए ।।

अनिशा के लिए आज कि रात काटना मुश्किल हो रहा था रह रह कर उसका दिल घबरा रहा था उसे डर लग रहा था कल उसकी शादी थी आरव ने उसे कुछ नहीं बताया कि वो क्या करने वाला था कैसे वो ये शादी रुकने वाला है कैसे विद्युत को एक्सपोस करेगा इन्ही सब में उसका दिमाग उलझा हुआ था वो रूम मे इधर से उधर चहल कदमी कर रही थी तभी सांची उसके रूम मे आई उसे परेशान देख वो समझ गई वो उसके पास आ के उसे आराम से बैठाई अनु उसे बेबसी से देखने लगी तो उसने आँखों से उसे शांत रहने को कहा और उसका सर अपनी गोद में रख उसका सर सेहलाने लगी अनिशा को थोड़ी शन्ती मिली और कुछ देर में वो सो गई ।।

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आरव का रूम मिताली विवान मिशा नील सब वहीं मौजूद थे अनाया अरिश् उनके साथ कॉल पे कनेक्ट थे आरव ने सबको देखा और बोला - "तो गाय्स तुम सबको जो जो बोला था हो गया " उसकी बात सुन सब साथ में बोले "हा" बोल सर हिला दिया ।।
आरव - मिताली मैंने जो तुझे दिया था वो तूने सेफ्ली रखा है ना कल वो होना जरुरी है हमारे पास 
मिताली - तू फ़िक्र मत कर मैंने उसे सम्हाल के रखा है ।।
आरव - हम्म तब ठीक ,,,,,, और विवान तुझसे जो जो मगाया था ले आया तू 
विवान - यओ ब्रो मैं ले आया हूँ वो सब कुछ तेरे अलमारी में रखा है ।।
आरव -हम्म चलो ठीक मतलब कि रेडी है सब कुछ,,,,, बस कल का दिन और ये सब सही करना है ,,,,, ये सारे सयापे खत्म हो और हम सब साथ हो जाए ।।

मिताली - तू टेन्शन मत ले हम सब है ना जब तक हम है तुझे और अनिशा को हम अलग नहीं होने देंगे समझा फिर नील विवान मिशा भी पास आ गए और पाँचो ने एक ग्रुप हग किया ,,,,,,

आरव अलग होके बोला - चल अब सो जाओ तुम सब विवान मिशा को घर छोड़ आ सुन सीधा घर हि जाना सगाई हुई है शादी नहीं पता चला बीच में से हनीमून पर निकललो (उसकी बात सुन नील और मिताली जोर जोर से हँसने लगे मिशा और विवान आरव को घूरने लगे उन्हें देख वो मुस्कुरा दिया दोनों वहां से निकल गए नील भी घर चला गया ) 

आरव बिस्तर पर लेट गया और खिड़की से झाकते चाँद को निहारने लगा और कल क्या होगा क्या करना है सोचने लगा और सोचते सोचते उसे भी नींद आ गई ।।


कहानी अगले भाग के साथ जारी है...............

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(कैसा लगा ये पार्ट ।। क्या होगा कल ।। क्या शादी हो जाएगी विद्युत से अनिशा कि ।। क्या आरव ने जो सोचा है पूरा हो पायेगा ।। ये तो कल पता चल जाएगा पर पर अगर जल्दी जानना है तो कमेंट करो )

💝सुधा यादव💝

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7 Comments

Arman

01-Mar-2022 11:38 AM

Nice story1

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Nice story

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Archita vndna

23-Feb-2022 12:55 PM

आप सच मे बहुत अच्छी लेखिका है। एक तरफ सस्पेंस बनाया हुआ है दूसरी तरफ हास्य भी रखा है। और दोनों ही बैलेंस्ड ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है।

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